¡ ‘æ77‰ñJDSF-PDŠÖ“ŒbM‰zƒuƒƒbƒNƒ_ƒ“ƒXƒXƒ|[ƒc‹£‹Z‰ï
|
@‹£‹ZŒ‹‰Êi Ú× j |
¨ ‹£‹Zˆê—— |
‚i‚c‚r‚e ‚b‹‰í ƒXƒ^ƒ“ƒ_[ƒh | ‚v(‚s)‚e | ‚QŽŸ—\‘I | ŽQ‰Á 36 –¼ |
@â@‚QŽŸ—\‘I@‹£‹ZŒ‹‰ÊƒŠƒXƒg i Ú× j@á@ |
”w”Ô† | Œ‹‰Ê | “¾“_ | ‚v | (‚s) | ‚e |
101 | ‚t‚o | 7 | -OOOO | ----- | OO-O- |
102 | | | 3 | ----- | ----- | O-O-O |
103 | | | 2 | ----O | ----- | ----O |
104 | ‚t‚o | 6 | O-OO- | ----- | -OOO- |
105 | | | 2 | ---O- | ----- | ----O |
107 | ‚t‚o | 6 | -OOO- | ----- | -O-OO |
109 | ‚t‚o | 5 | --OO- | ----- | --OOO |
110 | ‚t‚o | 6 | O---O | ----- | OOOO- |
111 | | | 3 | O---- | ----- | O-O-- |
113 | ‚t‚o | 6 | O-O-- | ----- | OO-OO |
114 | ‚t‚o | 5 | OOO-O | ----- | O---- |
115 | ‚t‚o | 6 | OO--O | ----- | OOO-- |
116 | ‚t‚o | 5 | O---- | ----- | OOOO- |
117 | ‚t‚o | 10 | OOOOO | ----- | OOOOO |
121 | ‚t‚o | 5 | ---OO | ----- | -O-OO |
122 | | | 1 | ----- | ----- | O---- |
123 | | | 3 | O---O | ----- | ----O |
126 | ‚t‚o | 10 | OOOOO | ----- | OOOOO |
127 | ‚t‚o | 6 | -OOOO | ----- | --O-O |
128 | | | 3 | OO--- | ----- | -O--- |
130 | ‚t‚o | 7 | -OOO- | ----- | O-OOO |
131 | ‚t‚o | 7 | O-OOO | ----- | OO-O- |
133 | | | 1 | --O-- | ----- | ----- |
134 | | | 2 | ---O- | ----- | --O-- |
136 | ‚t‚o | 7 | -OOO- | ----- | -OOOO |
137 | | | 4 | ----O | ----- | OO--O |
138 | ‚t‚o | 9 | OOOOO | ----- | OOOO- |
139 | ‚t‚o | 6 | OO--O | ----- | O--OO |
140 | | | 1 | -O--- | ----- | ----- |
142 | ‚t‚o | 10 | OOOOO | ----- | OOOOO |
143 | | | 4 | OO--- | ----- | --O-O |
144 | ‚t‚o | 5 | -OOOO | ----- | --O-- |
146 | | | 0 | ----- | ----- | ----- |
147 | ‚t‚o | 5 | O-OOO | ----- | -O--- |
149 | ‚t‚o | 10 | OOOOO | ----- | OOOOO |
150 | | | 2 | -O--- | ----- | ---O- |